1.8.2 द्वितीयक मेमोरी (Secondary Memory)
प्रश्न - द्वितीयक मेमोरी की आवश्यकता क्यों पड़ी ?
उत्तर - चूंकि प्राथमिक मेमोरी महँगी (costly) तथा अस्थाई (volatile) होती है तथा इसकी संग्रहण क्षमता कम होती है । अतः द्वितीयक मेमोरी का उपयोग किया जाता है ।
प्रश्न - द्वितीयक मेमोरी में किसका संग्रहण किया जाता है ?
उत्तर - द्वितीयक मेमोरी में ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर (Operating System Software) जैसे - Windows 10, एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) जैसे - Windows Office, Photoshop, Adobe Reader, Browser इत्यादि तथा यूजर के डाटा (Photo, Video, Music, Text Files इत्यादि) को संग्रहित किया जाता है ।
प्रश्न - द्वितीयक मेमोरी के लाभ बताइये ।
उत्तर - 1. अधिक संग्रहण क्षमता (large storage capacity)
2. कम लागत (economic / low cost)
3. विश्वसनीयता (Reliability)
4. स्थायी संग्रहण (Permanent Storage)
5. पोर्टेबल (Portable) - एक कम्प्युटर से दूसरे कम्प्युटर में प्रयोग करना आसान
6. पुनः उपयोग में लेने योग्य (Re-usable)
प्रश्न - द्वितीयक मेमोरी की सीमाएं या कमियाँ बताइये ।
उत्तर - 1. डाटा इनपुट / आउटपुट की गति RAM (प्राथमिक मेमोरी) की अपेक्षा कम होती है ।
2. यह वायरस (Virus) के वाहक होते है । virus इनमें संग्रहित होकर एक व अधिक कम्प्युटर में फ़ेल सकता है ।
प्रश्न - द्वितीयक संग्रहण किन तकनीक पर आधारित होता है ? अथवा किन तकनीक से निर्मित होता है ?
उत्तर - 1. चुम्बकीय संग्रहण तकनीक (Magnetic Storage) - मेग्नेटिक टेप, एवं मेग्नेटिक डिस्क । इनमें डाटा चुम्बकीय विधि से संग्रहित किया जाता है ।
magnetic disk magnetic tape
2. प्रकाशीय संग्रहण तकनीक - (Optical Storage) इस मेमोरी में डाटा प्रकाशीय विधि से संग्रहित किया जाता है। जैसे - CD / DVD